थम नहीं रहे बॉलिवुड पर संकट के बादल, कोरोना वायरस के बाद इंडस्‍ट्री पर पाइरेसी की मार

बीते दिनों कृति सेनन-पंकज त्रिपाठी स्टारर फिल्म 'मिमी' (Mimi) ऑनलाइन लीक हो गई। इस वजह से फिल्‍म को ओटीटी प्‍लैटफॉर्म पर पांच दिन पहले ही रिलीज करना पड़ा। इससे पहले सलमान खान की फिल्म 'राधे: योर मोस्‍ट वॉन्‍टेड भाई' भी पाइरेसी का शिकार हो चुकी है। इस तरह कोरोना के बीच बॉलिवुड पर पाइरेसी का संकट मंडराने लगा है। नवभारत टाइम्‍स ने एक्‍सपर्ट्स से बात करके पता लगाया कि आखिर ये फिल्में लीक कैसे होती हैं और ओटीटी वर्सेस सिनेमा में कौन सा माध्यम ज्यादा सुरक्षित है। पेश है एक रिपोर्ट: ओटीटी पर रिलीज हुई 'मिमी' को प्रड्यूसर्स ने जल्‍दबाजी में समय से पहले रिलीज कर दिया। वजह इसका ऑनलाइन लीक होना लेकिन अगर यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली होती तो इसे इतनी जल्दी रिलीज करना संभव नहीं था। सिर्फ 'मिमी' ही नहीं बल्कि आजकल पाइरेसी का असर पूरे बॉलिवुड पर काफी नजर आ रहा है। पे पर व्यू मॉडल पर रिलीज हुई सलमान की ईद रिलीज 'राधे' भी पाइरेसी का शिकार हुई। इस वजह से इसके डिस्ट्रिब्यूटर को काफी नुकसान हुआ। हालांकि, प्रड्यूसर ने फिल्म की पाइरेसी और अवैध प्रसार से जुड़े लोगों के खिलाफ कड़े कदम भी उठाए लेकिन वे फिर भी उस पर पूरी तरह रोक नहीं लगा पाए। ओटीटी से बढ़े हैं पाइरेसी के मामले इन दोनों बड़ी फिल्मों के अलावा और भी तमाम फिल्में अक्सर पाइरेसी का शिकार होती रहती हैं। जानकारों का कहना है कि फिल्मों के सीधे ओटीटी पर आने के बाद पाइरेसी के मामले बढ़े हैं। इस बारे में प्रड्यूसर और फिल्म बिजनस ऐनालिस्ट गिरीश जौहर कहते हैं, 'अगर कोई फिल्म ओटीटी पर रिलीज हो रही है और कोई व्यक्ति लैपटॉप पर फिल्म देखते हुए साइड में कैमरा ऑन कर देता है तो फिल्म कॉपी हो जाएगी। ओटीटी पर फिल्मों को पाइरेसी से बचाने के लिए हमें बहुत बड़े कदम उठाने की जरूरत है। एक फिल्म को बनाने में काफी पैसा लगा होता है और वह जहां रिलीज होनी है, वे भी काफी पैसा खर्च करके फिल्म लेते हैं। इसकी पाइरेसी होने में दोनों का ही नुकसान है।' क्या सिनेमा है ज्यादा सुरक्षित? ओटीटी पर रिलीज से पहले लीक हो रही फिल्मों के बारे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर ये लीक कैसे होती हैं? इस बारे में गिरीश कहते हैं, 'यह कहना काफी मुश्किल है कि फिल्में लीक कहां होती हैं। जब फिल्म शूट होती है तो प्रॉडक्शन टीम के पास हार्ड ड्राइव में जाती है और फिर पोस्ट प्रॉडक्शन के लिए जाती है। जब फिल्म फाइनल हो जाती है तो लैब से स्टूडियो भी जाती है। इस सबके बीच में कहीं और से भी फिल्म लीक हो सकती है।' सिनेमाघरों में फिल्‍म को कॉपी करना मुश्किल जौहर के मुताबिक, 'सिनेमाघरों में फिल्म रिलीज होने पर सेंसर कॉपी के लीक होने का डर रहता था लेकिन ओटीटी में तो सेंसर भी नहीं है कि रिलीज से पहले ही लीक हो जाए तो कहीं न कहीं कोई तो होता ही है। सिनेमा में यह मुश्किल था क्योंकि वहां एंट्री से पहले चेकिंग तो होती ही है। सिनेमा में आप अगर किसी कैमरे से कॉपी कर रहे हैं तो आसपास वाले देखते हैं तो वहां तो कॉपी करना मुश्किल है। बेशक जब से ऑनलाइन फिल्में आई हैं तो पाइरेसी आसान हो गई है। इससे पहले ओवरसीज के लिए फिल्म को रिलीज से दो हफ्ते पहले भेजना होता था तो उस दौरान भी फिल्म लीक हो जाती थी लेकिन ऑनलाइन में आसानी से कॉपी पेस्ट की वजह से फिल्म लीक होना ज्यादा आसान हो गया है।' फिल्‍म के डेटा होते हैं इंक्रिप्टेड हालांकि, सिनेमावाले खुद को ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। इस बारे में वेव सिनेमाज के वाइस प्रेजिडेंट योगेश रायजादा कहते हैं, 'सिनेमा में तो हम सीधे डिस्‍ट्रिब्यूटर द्वारा उपलब्ध कराई गई फिल्म डाउनलोड करके उसे चलाते हैं। हमारे यहां वीडियो कैमरे से पाइरेसी करना संभव नहीं है। इसके अलावा फिल्म के डेटा इतने इंक्रिप्टेड होते हैं कि आप उसमें से कुछ कॉपी नहीं कर सकते है। अब सबकुछ सर्वर बेस है और वहां से कुछ चोरी नहीं हो सकता है। सिनेमा ही आज की तारीख में फिल्मों की रिलीज के लिए सबसे सुरक्षित है।' खुलेआम हो रही पाइरेसी ऑनलाइन पाइरेसी के अलावा दिल्ली के बाजारों में भी धड़ल्ले से पाइरेसी का धंधा चल रहा है। कुछ साल पहले तक सीपी स्थित पालिका बाजार में भी पाइरेटेड डीवीडी खूब बिकती थीं लेकिन फिलहाल पालिका बाजार में पाइरेसी नहीं होती है। यहां के एक दुकानदार ने बताया कि यहां पर फिल्मों की कंपनी वाले घूमते रहते हैं, ऐसे में अभी पाइरेसी करना बंद है। एक दूसरे दुकानदार ने कहा कि अब ज्यादातर लोग ऑनलाइन फिल्में डाउनलोड करके देख लेते हैं। लंबे वक्त से लोगों ने सीडी-डीवीडी मांगना छोड़ दिया है, इसलिए अब हम यहां सीडी-डीवीडी का कारोबार नहीं करते हैं। हालांकि, पुरानी दिल्ली के ओल्ड लाजपत राय मार्केट में आपको जरूर हाल ही में ओटीटी पर रिलीज हुई तमाम नई फिल्मों की पायरेटेड डीवीडी जरूर मिल जाएंगी। जब यहां का मुआयना किया गया तो 'मिमी' और विक्रांत मैसी-कृति खरबंदा स्टारर '14 फेरे' की डीवीडी महज 50 रुपये में मिल रही थी। आप चाहें तो दुकानदार फिल्म को सीधे आपके मोबाइल के मेमरी कार्ड में भी डाल देंगे।


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